पयामे-महब्बत सुनाती है होली
तफ़क्कुर की शमएं जलाती है होली
कई रंग से आज़माती है होली
फ़ज़ाओं में ख़ुशबू उडाती है होली.
नया रंग हर साल लाती है होली.
ये होली जो रस्मे-कुहन बांटती है
ये मक्बूलो-रंगीं चलन बांटती है
नया रंगों-तर्ज़े-सुखन बांटती है
महब्बत के नग़मे सुनाती है होली
नया रंग हर साल लाती है होली
कभी ज़िन्दगी को जगाने की ख़ातिर
नयी महफ़िलों को सजाने की ख़ातिर
चरागे-महब्बत जलाने की ख़ातिर
ज़माने में ख़ुशियां लुटाती है होली
नया रंग हर साल लाती है होली
हमको उम्मीद है दोस्तों से
नज़र के बहुत ही नए जावियों
सभी कह सकेंगे नयी मंजिलों से
हमें आदमियत सिखाती है होली
नया रंग हर साल लाती है होली.
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