Friday, September 27, 2019

Anwar Nadeem's 4-year-old grand-daughter Chahkaar Navras' Tribute to him

Urdu poet and writer Anwar Nadeem's four-year-old grand-daughter Chahkaar Navras pays tribute to him on his birth anniversary on 22 October 2019 by reciting a poem titled "Kunji" that he wrote for her. Anwar Nadeem was born in 1937 and passed away on 9 August, 2017. He lived in Lucknow, Uttar Pradesh, India. The poem is as follows:

कुंजी

चहकार हमारी हस्ती की कुंजी है, फ़क़त इक नाम नहीं
हंस बोल के जीना आता है, मुस्कान हमारी फ़ितरत है।
पैमान-े-वफ़ा बांधा सब से, हर एक के हम दमसाज़ बने
दुन्या के हज़ारों रंगों में इक रंग हमारे नाम का है।
ये मशरिक़ है, वो मग़रिब है, ये बहस बड़ी तूलानी है
तफ़रीक़ किसी सूरत में हमें मंज़ूर नहीं, मंज़ूर नहीं।
हर चीज़ जो अच्छी-सुन्दर है उस चीज़ पे अपनी नज़रें हैं
आज़ाद गगन के पंछी हैं, परवाज़ हमारी आदत है।
चहकार हमारी हस्ती की कुंजी है, फ़क़त इक नाम नहीं
हंस बोल के जीना आता है, मुस्कान हमारी फ़ितरत है।

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