Sunday, January 15, 2023

एक गीत












उसकी सुन्दर काया में 

अपने घर ले आये हम 

गांव का सारा भोलापन।  

फिर भी चिंता रहती है
 
शहरों से घबराएगा 

उसका सीधा सादा मन।  

अनवर जी की इच्छा है 

उसकी रचना शक्ति से 

उभरे ऐसा उजला फ़न !

जीवन को दर्शाता हो 

राह नई दिखलाता हो
 
गीत, ग़ज़ल, जैसा दर्पन।  

अनवर नदीम (1937-2017)